चार धाम यात्रा
हिन्दू ग्रंथो के अनुसार बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम को चार धामों में गिना जाता है। इन पवित्र स्थलों की यात्रा को चार धाम यात्रा कहा जाता है।लेकिन उत्तराखंड के गंगोत्री ,यमुनोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ इन्हें भी चार धामों में गिना जाता है। उत्तराखंड की चार धाम यात्रा को छोटा चार धाम यात्रा कहते है।
चार धाम यात्रा क्यों की जाती है।
हिन्दू प्राचीन मान्यताओ के अनुसार चार धाम की यात्रा करने से जन्म और मृत्यु के चक्र के बंधन से मुक्त हो जाता है।जो लोग चारधाम यात्रा पूर्ण करते है।उनको पापो से मुक्ति मिल जाती है।पाप धुल जाते है और मन को शांती मिलती है।उनके जीवन में खुशाली आजाती है।
चार धाम यात्रा योजना
उत्तराखंड छोटा चारधाम यात्रा का प्लानिंग
यात्रा का कालावधि – 11 दिन
यात्रा की शुरुवात – हरिद्वार
यात्रा की समाप्ति – हरिद्वार
चार धाम कैसे पहुंचे – चार धाम यात्रा सड़क मार्ग से ही की जाती है। सभी स्थलों में जाने के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बसे उपलब्ध है। हरिद्वार में किराये पर कार भी मिल जाती है।
यात्रा के दौरान रात कहाँ रुके –
चारधाम यात्रा के सभी स्थलों पर GMVN के सरकारी यात्री निवास बने है।आप चाहे तो एडवांस में ऑनलाइन रूम www.gmvnl.in पर जाकर बुक कर सकते है।
यात्रा का पहला दिन
आपका पहला दिन हरिद्वार में कटेगा। सबसे पहले हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर चारधाम यात्रा का बॉयमेट्रिक कार्ड काउंटर है। वहासे चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन कार्ड निकाल ना होगा।
हरिद्वार के दर्शनीय स्थल- मनसा देवी मंदिर ,चण्डीदेवी मंदिर ,भारत माता मंदिर ,माया देवी मंदिर ,वैष्णोदेवी मंदिर ,दक्षमहादेव मंदिर ,हर की पौरी ,शाम को गंगा आरती।
हरिद्वार में कितने दिन रुके – १ दिन
हरिद्वार में कहा रुके – होटल,धर्मशाला और आश्रम
यात्रा का दूसरा दिन –
हरिद्वार से यमुनोत्री की ओर प्रस्थान करना।हरिद्वार से यमुनोत्री जाने का रूट –
हरिद्वार से यमुनोत्री की दुरी -२४६ किलोमीटर
हरिद्वार से बरकोट की दुरी – 210 किलोमीटर
बरकोट से हनुमान चट्टी की दुरी – ३६ किलोमीटर
हनुमान चट्टी से जानकी चट्टी – 8 किलोमीटर
जानकी चट्टी से यमुनोत्री – ६ किलोमीटर
सबसे पहले हरिद्वार से बरकोट पहुंचना पड़ेगा।
हरिद्वार से बरकोट पहुंचने का समय – 7 से 8 घंटे
बरकोट में कितने दिन रुके – २ दिन
बरकोट में कहा रुके – GMVN के सरकरी यात्री निवास ,आश्रम ,प्राइवेट होटल
बरकोट में पहले दिन क्या करे – केवल विश्राम
यात्रा का तीसरा दिन –
बरकोट से सुबह हनुमान चट्टी बस,जीप द्वारा पहुंचना। हनुमान चट्टी तक ही बस जाती है।
हनुमान चट्टी से जानकी चट्टी की दुरी – 8 किलोमीटर
हनुमान चट्टी से शेयर जीप से जानकी चट्टी पहुंचना पड़ेगा।जानकी चट्टी से आगे बस या जीप नहीं जायेगी।जानकीचट्टी आखरी स्टॉप है।
जानकी चट्टी से यमुनोत्री की दुरी – ६ किलोमीटर
जानकी चट्टी से यमुनोत्री मंदिर कैसे जाये – पैदल या खच्चर ,डोली
जानकी चट्टी से यमुनोत्री पहुंचने का समय – 3 से 4 घंटे
यमुनोत्री के दर्शनीय स्थल – यमुनोत्री मंदिर ,सप्तऋषि कुंड ,सूर्य कुंड ,दिव्य शिला
यमुनोत्री से बरकोट जीप या बस से लौटना। दूसरे दिन भी रात बरकोट में होटल में विश्राम।
यात्रा का चौथा दिन
बरकोट से गंगोत्री के लिये प्रस्थान
बरकोट से गंगोत्री की दुरी – 200 किलोमीटर
सबसे पहले बरकोट से उत्तरकाशी बस से जाना
बरकोट से उत्तरकाशी की दुरी – 100 किलोमीटर
बरकोट से उत्तरकाशी पहुंचने का समय – 4 घंटे
उत्तरकाशी में कितने दिन रुके – २ दिन
उत्तरकाशी में कहा रुके – GMVN के सरकरी यात्री निवास ,आश्रम ,प्राइवेट होटल
उत्तरकाशी के दर्शनीय स्थल – विश्वनाथ मंदिर और शक्ति मंदिर
यात्रा का पांचवा दिन
दूसरे दिन सुबह उत्तरकाशी से गंगोत्री के लिये प्रस्थान करना।
उत्तरकाशी से गंगोत्री की दुरी – 100 किलोमीटर
उत्तरकाशी से गंगोत्री पहुंचने का समय – 4 से 5 घंटे
गंगोत्री तक बस जाती है। ट्रैकिंग की आवश्यकता नहीं है।
गंगोत्री के दर्शनीय स्थल – गंगोत्री मंदिर ,सूर्य कुंड ,गौरी कुंड
गंगोत्री से उत्तरकाशी के लिये बस या जीप से लौटना।
दूसरे दिन भी उत्तरकाशी में होटल में रात गुजारना
यात्रा का छठा दिन
सुबह उत्तरकाशी से केदारनाथ के लिये प्रस्थान करना।
उत्तरकाशी से केदारनाथ की दुरी – 271 किलोमीटर है।
सबसे पहले बस से सोनप्रयाग पहुंचना
उत्तरकाशी से सोनप्रयाग की दुरी – 250 किलोमीटर
उत्तरकाशी से सोनप्रयाग पहुंचने का समय – 9 घंटे
सोनप्रयाग से आगे गौरीकुंड जाना
सोनप्रयाग से गौरीकुंड की दुरी – 5 किलोमीटर
सोनप्रयाग से गौरीकुंड कैसे पहुंचे – शेयर जीप
गौरीकुंड में कितने दिने रुके – २ दिन
गौरीकुंड में कहा रुके – GMVN के सरकरी यात्री निवास ,प्राइवेट होटल
गौरीकुंड में दर्शनीय स्थल – गौरीमाता मंदिर
यात्रा का सातवा दिन
सुबह गौरीकुंड से केदारनाथ के लिये प्रस्थान करना।
गौरीकुंड से केदारनाथ की दुरी – 16 किलोमीटर
गौरीकुंड से केदारनाथ पहुंचने का समय – 4 से 6 घंटे
गौरीकुंड से केदारनाथ कैसे पहुंचे – खच्चर ,पालखी या हेलीकॉप्टर
केदारनाथ में रात कहा रुके – केदारनाथ बेस कैंप GMVN के टेंट
यात्रा का आठवां दिन
सुबह केदारनाथ से गौरीकुंड की ओर प्रस्थान करना।
केदारनाथ से गौरीकुंड पहुंचने का समय – 4 घंटे
रात में गौरीकुंड में रुकना या अगर गौरीकुंड जल्दी पहुंच जाते हो तो गौरीकुंड की जगह रुद्रप्रयाग में रात गुजार सकते है।
गौरीकुंड से रुद्रप्रयाग की दुरी – 70 किलोमीटर है।
यात्रा का नौवां दिन
सुबह गौरीकुंड से बद्रीनाथ की ओर प्रस्थान करना।
गौरीकुंड से बद्रीनाथ की दुरी – 229 किलोमीटर
गौरीकुंड से बद्रीनाथ पहुंचने का समय – 7 से 8 घंटे
सोनप्रयाग से बद्रीनाथ कैसे जाये – बस द्वारा
बद्रीनाथ में कितने दिन रुके – १ दिन
बद्रीनाथ में कहा रुके – GMVN के सरकरी यात्री निवास ,आश्रम,धर्मशाला ,प्राइवेट होटल
पहले दिन बद्रीनाथ में कोनसे दर्शनीय स्थल को भेट दे – बद्रीनाथजी मंदिर ,चरण पादुका, नीलकंठ पर्वत
यात्रा का दसवां दिन
दूसरे दिन कोनसे दर्शनीय स्थल को भेट दे – बद्रीनाथ से ३ किलोमीटर स्थित भारत के आखरी माणा गांव जाकर व्यास जी की गुफा ,गणेश जी की गुफा ,भीमपुल ,वसुंधरा फॉल
बद्रीनाथ से हरिद्वार की और प्रस्थान करना।
बद्रीनाथ से हरिद्वार की दुरी 325 किलोमीटर है।
सबसे पहले बद्रीनाथ से रुद्रप्रयाग पहुंचना
बद्रीनाथ से रुद्रप्रयाग की दुरी – 160 किलोमीटर
बद्रीनाथ से रुद्रप्रयाग पहुचने का समय – 6 से 7 घंटे
बद्रीनाथ से रुद्रप्रयाग कैसे पहुंचे – बस द्वारा
रुद्रप्रयाग में कितने दिन रुके – १ दिन
रुद्रप्रयाग में कहा रुके – GMVN के सरकरी यात्री निवास और प्राइवेट होटल है।
यात्रा का ग्यारवां और आखरी दिन
रुद्रप्रयाग से हरिद्वार की और प्रस्थान करना।
रुद्रप्रयाग से हरिद्वार की दुरी – 165 किलोमीटर
रुद्रप्रयाग से हरिद्वार पहुंचने का समय – 5 से 6 घंटे
हरिद्वार में यात्रा की समाप्ति